दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माननीय उच्चतम न्यायालय ने जमानत छः शर्तों पर दी है ।
- वह अपने कार्यालय नहीं जा सकेंगे ।
- किसी भी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे ।
- केस से जुड़े किसी मुद्दे पर सार्वजनिक कोई बयान नहीं देंगे ।
- दस लाख रुपये का बेल बॉण्ड भरना होगा
- ज़रूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश हो सहयोग करेंगे ।
- केस से संबंधित गवाह सबूत में छेड़छाड़ नहीं करेंगे ।
केजरीवाल जी ने आते ही बाहर अपने मुख्यमंत्री पद के इस्तीफ़े का एलान कर दिया है ।
उन्होंने ने कल यानी मंगलवार को उपराज्यपाल से मिलने का समय माँगा था
जो की उपराज्यपाल द्वारा उन्हें शाम का समय उपराज्य पाल महोदय ने दिया है
केजरीवाल ने अपने संबोधन में जनता से अपील करते हुए कहा
कि वह भी माता सीता की तरह अग्नि परीक्षा देंगे
उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद राजनीतिक साज़िश केवल और केवल राजनीतिक साज़िश है
उन्होंने कहा मैं इस्तीफ़ा देने के बाद फिर से आपके दरबार में आऊँगा
आपको तय करना होगा कि मैं आपके लायक़ हूँ या नहीं
आपका निर्णय हमे स्वीकार होगा ।
आइये जानते है इसके पूर्व अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफ़ा कब और क्यों दिया था ?
14 फ़रवरी 2014 में केजरीवाल ने इस्तीफ़ा दिया था .जब उनकी
उसके बाद के परिणाम में उन्हें 70 में से उन्हें 67 सीटें मिली थी
क्या इस बार ऐसा कुछ कमाल कर पाएँगे?
ऐसे कई प्रश्न है जिनके उत्तर भविष्य के गर्भ में है ।